डायन कहानी (Dayan kahani)


डायन

Dayan

परिचय -

डायन का नाम तो आपने सुना ही होगा ग्रामीण क्षेत्रों में इसे शोधन भी कहा जाता है । यह अक्सर महिलाएं होती हैं जिनके पास बुरी ताकतों और देवता की शक्तियां होती हैं जन्म से कोई भी डायन नहीं होती । इन्हें या तो बनाया जाता है या फिर खुद मर्जी से बनते हैं कोई बदले की भावना से बनते हैं कोई मजबूर होकर बनते हैं । दुनिया में हर बात हर चीज का एक कारण होता है और हमारी दुनिया में डायन का होना भी एक कड़वा सच है । आज से लगभग 1000 साल पूर्व पूर्वजों की कथा चली आ रही है की डायन कोई और नहीं बल्कि रावण के महल से ही आई है । यह वही रावण है जिसका वध श्री राम ने त्रेता युग में किया था बताया जाता है । जब भगवान राम ने रावण का वध किया था तो उस जमाने में अशोक वाटिका और रावण के महल में जो राक्षसी रहती थी केवल वही जीवित बच गई थ ।ी और उनके पास भी मायावी शक्तियां थी जब विभीषण को लंका का राजा घोषित किया गय ।ा विभीषण ने भी उन राक्षसों के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया । वह सभी राक्षसी वैसे ही रह रहे थे जैसे वे रावण के समय में रह रहे थे । और त्रेता युग के समाप्त होते हैं उनके कुछ अंश कलयुग में भी आ पहुंचे थे । और उसी बुरी विद्या और बुरी शक्तियों का नाम से उन्हें डायन बुलाया जाने लगा ।

कलयुग में प्रवेश -

। रावण की लंका खत्म होने के पश्चात उन्होंने अपनी संख्या को बढ़ाना ज्यादा उचित समझा क्योंकि त्रेता युग के बाद कलयुग तुरंत लग गया और डायन को मौका मिल गया कलयुग में अपने अंशो को छुपाने का ।

डायन का निवास स्थान -

डायनें हमेशा किसी निश्चित उद्देश्य के लिए डायन नहीं बनती वह केवल अपनी भूख और ना वर्चस्व बनाने के लिए ऐसा करते हैं । वे अधिकतर छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाती है और ऐसे लोगों को शिकार बनाते हैं । जिनके अंदर डर हो डायन हमेशा जिस घर में होती है उससे सात घर छोड़कर ही लोगों को नुकसान पहुंचाती है । अब इस बात का रहस्य तो वही जाने लेकिन यह बात साफ है कि वह स्वयं पर किसी को शक भी नहीं होने देती । ग्रामीण इलाका हो या शहरी वह कहीं भी हो सकती है ।

डायन की पहचान -

तांत्रिकों और हमारे पूर्वजों के अनुसार डायनों को पहचानने के कई तरीके हैं । उनमें से एक तरीका है अकौना के पत्ते से यदि ऐसी डायन को मारा जाए तो उसे जलने कितना दर्द होता है । डायन कभी भी उस पत्ते को लांच कर आपके घर के अंदर नहीं आ सकती । डायन कभी भी ।आंख से आंख मिलाकर बात नहीं कर सकती यदि वे किसी से आंख मिलाकर बात करेंगे तो उस व्यक्ति को तुरंत कोई ना कोई बीमारी या उसके साथ कोई बड़ा हादसा हो सकता है । वह अपनी पहचान छुपाने के लिए लोगों से आंख मिलाकर बात नहीं करती । डायन चमार कुंड के पानी से डरती है क्योंकि इस कुंड का पानी एक ऐसा पानी है जो इनकी सारी शक्तियों को खत्म कर इन्हें इंसान रूप मे वापस ला देता है । यदि आप ठीक से खाना नहीं खा पा रहे हैं और दिन में दिन दुबले होते जा रहे हैं परंतु आपको भूख बहुत लगती है और रात में मछली के सपने आते हैं तो समझ लीजिए आपके ऊपर डायन का प्रभाव है ।

डायन का प्रभाव -

डायन का प्रभाव इतना शक्तिशाली रहता है किया किसी भी ताकतवर शरीर वाले व्यक्ति को निर्बल बना सकती हैं । अपना जादू आंखों से करती हैं यदि वे किसी व्यक्ति को नजर भर देख ले तो समझो उस व्यक्ति के काल ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया है । वह हमेशा बच्चों को अपना शिकार ज्यादा बनाती है । और यदि कोई बच्चा उसका शिकार हो जाता है तो 3 दिनों तक वह शमशान में जाकर उस बच्चे को रोज जिंदा करती है और उसे खिलाती रहती हैं । 3 दिन बाद उस बच्चे का कलेजा निकाल कर खा जाती है । तांत्रिकों का कहना है कि इस क्रिया के दौरान छोटे बच्चों को बचाया जा सकता है । परंतु जब वह किसी की मृत्यु का स्थान लेती है तो दुनिया का कोई तांत्रिक उस व्यक्ति को नहीं बचा सकता इसके प्रभाव से व्यक्ति को भूख प्यास लगना बंद हो जाती है । और वह दिन बे दिन दुबला होता जाता है उसकी सोचने समझने की शक्ति क्षीण हो जाती है ।

डायन से कैसे बचें ?

सही तौर पर कहा जाए तो डायनों से बचने का कोई तरीका नहीं है । परंतु फिर भी तांत्रिकों के अनुसार ऐसा ताबीज बनाया जा सकता है जिससे डायनों का प्रभाव इंसानों को नहीं छू सकता यहां तक की डायन भी उससे दूर रहती है । अमावस्या पूर्णिमा और नवरात्रि के समय डायन पूरी तरह से नग्न होकर शमशान की ओर जाती है या फिर उस इंसान के घर जाती हैं । जिसका बुरा वक्त आता है हां लेकिन समय रहते यदि आपको कोई तांत्रिक मिल जाता है तो समझ लीजिए आपकी किस्मत बहुत अच्छी है । पर अपने घर से डायनों को दूर रखने का तरीका भी वही बता सकते हैं ।