नीला सियार कहानी Neela siyar kahani
नीला सियार एक बार एक भूखा सियार जंगल से निकलकर गांव की ओर चल पड़ा। जैसे ही वह गांव के निकट पहुंचा, चारों ओर से कुत्तों ने उसे घेर लिया। उसने सोचा कि वापस जंगल की ओर भाग जाए, किन्तु अपने पीछे पड़े कुत्तों की भीड़ देखकर उसे यह विचार त्याग देना पड़ा। अब तो उसके सामने एक ही रास्ता था कि गांव में ही जाकर किसी घर में छिप जाए, अन्यथा ये कुत्ते उसे फाड़कर खा जाएंगे। मृत्यु को सामने देखकर बड़े-बड़े दिलवालों के पसीने छूट जाते हैं। जबकि सियार तो स्वभाव से ही कायर होता है। वह बेचारा गांव की ओर भागा। कुत्ते भी उसके पीछे-पीछे भाग रहे थे। अंधेरी रात में जिधर भी उसे रास्ता मिल रहा था, वह भागा जा रहा था। भागते- भागते वह एक धोबी के घर में जा घुसा। वहां पर नीले रंग से भरी हुई एक नांद रखी थी। सियार उसी में जा गिरा, जिससे वह नीले रंग में रंग गया। कुत्तों ने उसे इधर-उधर खोजा, किन्तु जब सियार कहीं भी नजर न आया तो वे निराश होकर चले गए। सियार नीले नांद सुबह जैसे ही सूर्य की किरणों में उसने अपने शरीर को देखा तो अनुभव किय...