मानसरोवर सुभर जल, हंसा केलि करांहि । मुक्ताफल मुक्ता चुगै, अब उड़ी अनत न जांहि ।। संदर्भ : प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक के साखियां एवं सबद नामक पाठ से लिया गया है, इस काव्यांश के रचयिता कबीर दास जी हैं । प्रसंग : प्रस्तुत पद्यांश में मन रूपी सरोवर के आनंद के क्षणों का वर्णन किया गया है । व्याख्या : मानसरोवर झील स्वच्छ जल से लबालब भरी हुई है, उसमें हंस क्रीडा करते हुए मोतियों को चुप रहे हैं वह ऐसे आनंददायक स्थान को छोड़कर कहीं और नहीं जाना चाहते, यह कभी का भावार्थ है कि साधक का मन रूपी सरोवर प्रभु की भक्ति के आनंद जल से भरा हुआ है । उसमें हमारी जीव आत्मा रूपी हंस बिहार कर रहे हैं, वह आनंद के मोतियों को चुभते हैं, और इसे छोड़कर अन्यत्र कहीं नहीं जाते अर्थात जीव आत्मा रूपी हंस प्रभु भक्ति में लीन होकर मन में परम आनंद का सुख भोग रहे हैं । इस सुख को छोड़कर अन्यत्र नहीं जाना चाहते हैं । काव्य सौंदर्य : अकेली कराही में अनुप्रास, मुक्ता फल मुक्ता चुगै में यमक अलंकार, दोहा छंद का प्रयोग किया गया है, सरल ब्रज भाषा का प्रयोग ।
हिंदू मुआ राम कहि, मुसलमान खुदाई । कहै कबीरा सो जीवता, जो दुहूं के निकट न जाई ।। संदर्भ : प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक के साखियां एवं सबद नामक पाठ से लिया गया है, इस काव्यांश के रचयिता कबीर दास जी हैं । प्रसंग : कवि ने हिंदू और मुसलमानों के बीच उत्पन्न में भेदभाव की चर्चा की है । व्याख्या : कभी कहता है कि हिंदू राम का नाम जपते हुए और मुसलमान खुदा की बंदगी करते हुए मर मिटे और आने वाली पीढ़ी के लिए कट्टरता छोड़ गए । जबकि राम और खुदा एक ही हैं जो राम और खुदा के चक्कर में ना पड़ कर, प्रभु की भक्ति अर्थात मानवता को अपनाता है । वही सच्चे रूप में जीवित है और सच्चा ज्ञान प्राप्त करता है । काव्य सौंदर्य : (1) कहे कबीर में अनुप्रास अलंकार, (2) दोहा छंद
गोदान उपन्यास का सारांश "गोदान" उपन्यास प्रसिद्ध कवि - मुंशी प्रेमचंद ने 1936 ई. में इसकी रचना है । पात्र - होरीराम , धनिया ,गोबर , सपना ,रूपा,झुनिया,भोला ,रायसेठ ,पंडित जी आदि हैं । इस उपन्यास में होरी नाम का एक किसान मेहनत मजदूरी करता है, और अपने परिवार का पेट पालता है । लेकिन भाग्य का मारा होरी बहुत से कर्ज के तले दबा होता है । वह राय सेठ के यहां भी काम करता है । कई वर्षों से होरी की एक ही लालसा होती है, कि उसके घर पर भी एक गाय होनी चाहिए, ताकि उसके बच्चे भी दूध और दही खा सकें । एक बार सड़क पर चलते-चलते होरी को अपना मित्र भोला मिल जाता है । तभी भोला बताता है कि उसके यहां इतनी गाय हो गई है की उसकी देख-रेख करने के लिए कोई नहीं है । भोला की पत्नी भी मर चुकी होती है, और भोला होरी से पुनः एक दुल्हन तलाशने की बात करता है, ताकि वह उससे शादी कर सके । होरी इसी बात का फायदा उठाकर कहता है, कि भोला तुम्हें दुल्हन की तलाश है, और मुझे एक गाय की और वैसे भी तुम्हारे यहां इतनी सारी गाय की देखभाल करने वाला कोई नहीं है । तो अच्छा होगा कि तुम मुझे अपनी एक गाय दे दो और बदले में ...