सामाजिक संरचना की विशेषताएँ (samajik sanrachna ki visheshta)


सामाजिक संरचना की विशेषताएँ

सामाजिक संरचना की पीछे जो परिभाषाएँ दी गयी है न परिभाषाओं के आधार पर इसकी प्रमुख विशेषताओं को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है -
( 1 ) सामाजिक संरचना का निर्माण सामाजिक प्रक्रियाओं से होता है । समाज में पायी जाने वाली सम्पूर्ण सामाजिक प्रक्रियाओं को सुविधा की दृष्टि से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है ।
( A ) सहयोगी सामाजिक प्रक्रियाएँ - ये समाज की वे प्रक्रियाएँ है जो सहयोगात्मक संबंधों की स्थापना समाज में करती है ।
इनके अन्तर्गत प्रमुख रूप से निम्न प्रकियाएँ आती है ( 1 ) सहयोग, ( ii ) आत्मसात, ( iii ) व्यवस्थापन, और ( iv ) अनुकूलन ।
( B ) असहयोगी सामाजिक प्रक्रियाएँ - ये समाज की वे प्रक्रियाएँ है जो सामाजिक प्राणियों के बीच असहयोगात्मक संबंधों को विकसित करती है ।
ये प्रक्रियाएँ निम्नलिखित है ( i ) प्रतिस्पर्धा, ( ii ) संघर्ष और ( iii ) प्रतिकूलता ।
( 2 ) सामाजिक संरचना में सामाजिक प्रक्रियाओं में संबंधित व्यक्तियों या कर्ताओं की अन्तःक्रियाएँ सम्मिलित रहती है ।
( 3 ) सामाजिक संरचना समाज की अत्यंत ही विस्तृत और जटिल व्यवस्था का नाम है । इस व्यवस्था में नये व्यक्ति या नये सदस्य सम्मिलित होते रहते है और पुराने व्यक्ति इस संरचना से बाहर होते है ।
( 4 ) सामाजिक संरचना का निर्माण सदस्यों के उत्तरदायित्व की भावना से होता है, जबकि समाज की संरचना का निर्माण अनेक सदस्यों के अधिकार और कर्तव्य की व्यवस्था से होता है ।
( 5 ) सामाजिक संरचना में स्तरीकरण का भी महत्वपूर्ण स्थान होता है । स्तरीकरण का आधार व्यक्ति की विशिष्ट भूमिकाएँ होती है । भूमिकाओं या कार्यों के आधार पर ही सामाजिक स्तर का निर्धारण होता है ।
( 6 ) स्तरीकरण का स्वभाविक परिणाम यह होता है कि समाज में श्रम विभाजन की एक व्यवस्था का विकास होता है ।
( 7 ) सामाजिक संरचना का निर्माण इकाइयों के द्वारा होता है । इन विभिन्न इकाइयों के बीच पारस्परिक अन्तःसंबंधों की एक व्यवस्था पायी जाती है ।
( 8 ) सामाजिक संरचना से समाज के बाहर स्वरूप का ही आभास मात्र होता है । इसीलिए ऐसा का जाता है कि सामाजिक संरचना एक अमूर्त अवधारणा है ।
( 9 ) सामाजिक संरचना यद्यपि अपेक्षाकृत स्थिर रहती है, किन्तु इसकी स्थिरता में परिवर्तनशीलता के तत्वों का समावेश रहता है ।
( 10 ) सामाजिक संरचना के निर्माण में सामाजिक परिस्थितियों और सामाजिक आवश्यकताओं की भी भूमिका महत्वपूर्ण होती है । यही कारण है कि सामाजिक संरचना में अनुकूलन करने की क्षमता होती है ।
( 11 ) सामाजिक संरचना का निर्माण सामाजिक आवश्यकताओं और सामाजिक परिस्थितियों के द्वारा होता है, इसलिए विभिन्न समाजों में सामाजिक संरचना का स्वरुप अलग - अलग होता है ।
( 12 ) सामाजिक संरचना का कार्य समाज में संगठन की स्थापना करना होता है । सामाजिक संगठन की इस व्यवस्था के द्वारा ही सदस्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं ।

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