नवतारा परिकल्पना की आलोचनाएँ Navtara parikalpna ki alochnayen
नवतारा परिकल्पना की आलोचनाएँ
(1) ग्रहों तथा उपग्रहों में परिभ्रमण गतियाँ किस तरह उत्पन्न हुई, इस तथ्य का स्पष्टीकरण इस परिकल्पना में नहीं होता।
(2) सूर्य से ग्रहों तथा उपग्रहों की वर्तमान दूरियाँ किस प्रकार निर्धारित हुई, इसकी व्याख्या भी इस परिकल्पना में नहीं है।
(3) सूर्य के समीपवर्ती ग्रहों में भारी पदार्थ तथा दूरस्थ ग्रहो में हल्के पदार्थ मिलने का कारण इस परिकल्पना से स्पष्ट नहीं होता।
(4) लिटिलटन का यह मानना है कि ग्रहों का आकार बढ़ने पर उसकी घूर्णन गति में वृद्धि हो जाती है, सही नही है ।