नाभिकीय ऊर्जा से हानि (nabhikeey urja se hani)


नाभिकीय ऊर्जा से हानि

( 1 ) नाभिकीय विखण्डन द्वारा नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में बेरियम 139 तथा क्रिप्टॉन एक्टिव पदार्थ उत्पाद के रूप में प्राप्त होते है , जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं । रेडियो धर्मी विकिरण से प्रभावित व्यक्ति को कैंसर जैसी घातक बीमारियाँ हो सकती हैं ।
( 2 ) नाभिकीय विकिरण , क्षरण द्वारा वातावरण में प्रवेश कर सकते हैं । अब तक इस तरह की दो बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं -
( 1 ) संयुक्त राज्य अमेरिका के थ्रीमाइल द्वीप पर
( 2 ) तत्कालीन सोवियत संघ के चेरनोबिल नामक स्थान पर स्थित नाभिकीय रियक्टर में ।
( 3 ) नाभिकीय ऊर्जा उत्पादन की विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे यूरेनियम अयस्क के खनन , संवर्धन तथा नाभिकीय रियक्टर में विखण्डन से उत्पन्न , " रेडियो धर्मी नाभिकीय कचरे से " वनस्पति एवं प्राणी जगत को गंभीर खतरा है ।
( 4 ) नाभिकीय विकिरण से प्रभावित मनुष्य में आनुवांशिक विकृति उत्पन्न हो सकती है , जिसका दुष्प्रभाव आने वाली कई पीढ़ियों तक रहता है ।
( 5 ) नाभिकीय ऊर्जा पर आधारित परमाणु बम अत्यंत विनाशकारी होता है । द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी नगरों पर परमाणु बम गिराया था । इस हृदय विदारक घटना में इन शहरों के अधिकांश भाग नष्ट हो गये थे और कई हजार व्यक्ति मारे गए थे