भारतेन्दु युगीन काव्य की विशेषताएं (bhartendu yug ki kavya ki visheshta)


भारतेन्दु युगीन काव्य की विशेषताएं

भारतेंदु युग की विशेषताएं इस प्रकार है-

1. राष्ट्रीयता की भावना - भारतेंदु युग के कवियों ने देश-प्रेम की रचनाओं के माध्यम से जन-मानस मे राष्ट्रीय भावना का बीजारोपण किया ।

2. सामाजिक चेतना का विकास - भारतेंदु युग काव्य सामाजिक चेतना का काव्य है। इस युग के कवियों ने समाज मे व्याप्त अंधविश्वासों एवं सामाजिक रूढ़ियों को दूर करने हेतु कविताएँ लिखीं ।

3. हास्य व्यंग्य - हास्य व्यंग्य शैली को माध्यम बनाकर पश्चिमी सभ्यता, विदेशी शासन तथा सामाजिक अंधविश्वासों पर करारे व्यंग प्रहार किए गए ।

4. अंग्रेजी शिक्षा का विरोध - भारतेंदु युगीन कवियों ने अंग्रेजी भाषा तथा अंग्रेजी शिक्षा के प्रचार-प्रसार के प्रति अपना विरोध कविताओं मे प्रकट किया है ।

5. विभिन्न काव्य रूपों का प्रयोग - इस काल मे काव्य के विविध रूप दिखाई देते है जैसे - मुक्तक-काव्य, प्रबंध-काव्य आदि ।

6. काव्यानुवाद की परम्परा - मौलिक लेखन के साथ-साथ संस्कृत तथा अंग्रेजी से काव्यानुवाद भी हुआ है ।


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